रक्षा गीता
-
Jul- 2024 -20 Julyसिनेमा
कुहुडि: कोहरे के बीच आशा की किरण
सिनेमा हमेशा से समाज को प्रभावित करता आया है, आरम्भिक समय से धार्मिक और सामाजिक समस्याओं पर फिल्में बनती रही हैं बदलते समय के साथ अपवादों को छोड़ दें तो ज़्यादातर फिल्में मनोरंजन के नाम पर फूहड़ता का ही…
Read More » -
May- 2024 -12 Mayसिनेमा
स्याह ब्लैक बोर्ड पर ‘चमकीला’
‘ब्लैक बोर्ड’ यानी समाज और समाज का एक ख़ास वर्ग जिसे जीवन की ‘रंगीनियाँ’ या कि खुशियाँ ‘चमकीला’ के गीतों में मिलती हैं। चमकीला ‘आज भी चमक रहा है’ सम्भवतः इम्तियाज भी जानते हैं कि ‘चमकीला’ ही वह कलाकार…
Read More » -
Nov- 2023 -27 Novemberसिनेमा
जातीय वर्चस्व से पद-प्रतिष्ठा की ओर ‘यस सर’
‘जात न पूछो साधू की पूछ लीजिये ज्ञान’ के भाव को पुष्ट करने वाली लघु फ़िल्म ‘यस सर’ भारतीय समाज की बदलती मानसिकता को सामने रखती है, सामाजिक विसंगतियों व विडम्बनाओं को हास्य-व्यंग्य में पिरोना आसान नहीं। व्यक्ति की…
Read More » -
Sep- 2023 -28 Septemberसिनेमा
चंपारण मटन की लाजवाब ख़ास रेसिपी
बिहार का कश्मीर कहा जाने वाला चंपारण, सीता की शरणस्थली भी रहा है और यहीं से महात्मा गांधी ने स्वाधीनता संग्राम आन्दोलन की माशाल भी जलाई। चंपारण ने फिर इतिहास रचा, पहली बार बज्जिका भाषा में बनी डिप्लोमा लघु…
Read More » -
12 Septemberसिनेमा
‘क्या दर्शक आम जनता में तब्दील होगा’ जवान की ललकार
1996 में कमल हसन के डबल रोल साथ तमिल फिल्म आई थी इंडियन’ हिन्दी में ‘हिन्दुस्तानी’। एक स्वतंत्रता जो सेनानी भ्रष्टाचार को जड़ से ख़त्म करना चाहता है लेकिन उसका अपना बेटा भ्रष्टाचार में लिप्त है। 1998 अनिल कपूर…
Read More » -
3 Septemberसिनेमा
अखुनी की प्रतीकात्मकता और पूर्वोत्तर
डिसास्टर यानी आपदा मुसीबत विपत्ति या उत्पात। जाति के नाम पर इस समय जो मणिपुर में अथवा देश के किसी भी भाग में हिंसा होती है वह किसी आपदा से कम नहीं लेकिन क्या भोजन बनाने के कारण भी…
Read More » -
Apr- 2023 -15 Aprilसिनेमा
‘जुबली… पर्दे के पीछे की कहानी’
बॉलीवुड के बायकाट के समय वेब सीरीज़ ‘जुबली’ याद दिलाती है कि एक समय था जब फिल्में सिल्वर जुबली या गोल्डन जुबली हुआ करती थी। अमेजॉन प्राइम की ‘जुबली’ वेब सीरीज एक पीरियड ड्रामा है जो फिल्मों के स्टार…
Read More » -
Mar- 2023 -19 Marchसिनेमा
एलिफेंट्स व्हिस्पर्स : प्रकृति के चीत्कार के बीच आशा
पुरस्कारों की राजनीति से परे यह तथ्य महत्वपूर्ण है कि पुरस्कार आपको पहचान दिलवाते हैं और दुनियाँ की नज़रें आपकी ओर केन्द्रित हो जाती है तब अपना कार्य और अधिक सार्थक प्रतीत होता है। हम बात कर रहें है…
Read More » -
Nov- 2022 -19 Novemberसिनेमा
मोनिका ओ माय डार्लिंग
‘मोनिका आज भी डार्लिंग है’ 70 के दशक का अत्यन्त लोकप्रिय गीत ‘मोनिका ओ माय डार्लिंग’ आज भी थ्रिल पैदा करता है, हेलेन का मादक क्लासिक नृत्य, रोमांच से भरपूर अदाकारी, हाव-भाव बाँधे रखता है। वासन बाला के निर्देशन…
Read More » -
Oct- 2022 -10 Octoberशख्सियत
‘रेखा’ एक खुली क़िताब जिसे पढ़ना बाकी है
अधूरी शाम का अधूरा किस्सा हूँ मैं, जो पढ़ा न गया वो किताब हूँ मैं जाने क्यों मुझे लगता रहा है कि अभिनेत्री रेखा का जीवन एक खुली किताब है, बिल्कुल उनके नाम की तरह, सीधी स्पष्ट रेखा। पर…
Read More »