प्रमोद मीणा
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Mar- 2020 -30 Marchदेश
कोरोना आपदा के सामने ऊँट के मुँह में जीरा है राहत पैकेज
24 मार्च को प्रधानमन्त्री ने जिस प्रकार हमेशा की तरह बिना किसी ख़ास तैयारी के रात 8 बजे अचानक समग्र देशबंदी की घोषणा की, उससे देशभर में अफरा-तफरी का माहौल पैदा होना स्वाभाविक था। इसके कारण 22 मार्च को…
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Feb- 2020 -24 Februaryआर्थिकी
लोकोपयोगी पहल बनाम खैरात
जनहितकारी पहलों को खैरात से अलगाने वाली चीज क्या है ॽ (वित्तीय गुंजाइश और सामाजिक-आर्थिक संदर्भ जनहितकारी नीतियों के आधार होने चाहिए) एक अभूतपूर्व सर्वसम्मति है कि आम आदमी पार्टी द्वारा अपने पिछले शासन काल में भारी…
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Jul- 2019 -14 Julyसाक्षात्कार
जाति ने बचपन से मेरा पीछा किया है – पा. रंजीत
पा. रंजीत तमिल फिल्म निर्देशक पा. रंजीत, जिनकी विचारोत्तेजक फिल्मों और वक्तव्यों ने एक छाप छोड़ी है, वे श्रीनिवास रामानुजम् के साथ अपनी बातचीत में बताते हैं कि अपने जीवन और पेशेगत काम में राजनैतिक होने के अलावा…
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May- 2019 -16 Mayलोकसभा चुनाव
चुनावी बांड योजना : धनपशुओं की देहरी पर नाक रगड़ता लोकतन्त्र – प्रमोद मीणा
हिन्द स्वराज में गाँधी जी ने पश्चिमी ढंग के लोकतन्त्र को लेकर अपना असंतोष बहुत ही तीखे शब्दों में व्यक्त किया है। यहाँ तक कि उनका असंतोष और आक्रोश भाषा की नैतिक मर्यादा भी लांघ जाता है। वे उस…
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6 Mayसाक्षात्कार
महिला मतदाता पहले की तुलना में बहुत ज्यादा महत्व रखती हैं – प्रणय रॉय
(जनमत सर्वेक्षण के सूचकांक, मतों की अदला-बदली, सत्ता विरोधी लहर और उत्तर प्रदेश के गलत कांग्रेसी पाठ पर दिग्गज पत्रकार ) दिग्गज पत्रकार और चुनाव विश्लेषक प्रणय रॉय ने अभी हाल में दोराब आर. सोपारीवाला के साथ मिलकर एक…
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Apr- 2019 -23 Aprilलोकसभा चुनाव
यह ‘भारत’ नाम की मूल अवधारणा के लिए लड़ी जा रही लड़ाई है – राहुल गाँधी
दि हिन्दू के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी संदीप फूकन के साथ रोजगार की कमी, कृषि संकट और अर्थ व्यवस्था की स्थिति समेत उन मुद्दों के बारे में बात करते हैं जो 2019 के आम चुनाव को परिभाषित करेंगे।…
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Mar- 2019 -1 Marchराजनीति
जिसकी जितनी भागीदारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी
अभी-अभी खत्म हुये संसद सत्र में सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर तबके को भी आरक्षण की ज़द में लाने के लिए नाटकीय ढंग से संसद ने लगभग एकमत से संविधान (124वें संविधान संशोधन) विधेयक को पारित करके…
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Dec- 2018 -25 Decemberचर्चा में
पंच परमेश्वर की नैतिकता से विचलन
10 दिसंबर 2018 के सोमवार को मेघालय के उच्च न्यायालय के न्यायधीश एस. आर. सेन ने मूल निवास प्रमाणपत्र जारी न किये जाने से जुड़ी अमन राणा नामक व्यक्ति की याचिका की सुनवाई करते हुये अपने 37 पृष्ठों…
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Jul- 2018 -30 Julyपुस्तक-समीक्षा
‘सभ्यों’ के खिलाफ बौद्धिक उलगुलान
sablog.in डेस्क – महादेव टोप्पो की पुस्तक ‘सभ्यों के बीच आदिवासी’ विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के लिए लिखे गये उनके लेखों का संकलन है। मूलत: आदिवासी कवि के रूप में जाने जानेवाले टोप्पो ‘सभ्यों’ के बीच अपने विद्वान होने का दावा नहीं…
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23 Julyदेशकाल
चुनावी जुमला हल नहीं है बालिका खतना का
बालिका जननांग का अंगच्छेदन (फिमेल जेनिटल म्यूटिलेशन – एफजीएफ) या सरल भाषा में कहें तो बालिकाओं का खतना एक मध्यकालीन अमानवीय प्रथा है जो धर्म के नाम पर कुछ मुसलिम समाजों में आज की 21वीं सदी में भी जारी…
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