रामनरेश राम
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Apr- 2024 -12 Aprilदेश
नागरिक की बदलती अवधारणा बनाम दास का पुनर्जन्म
भारत राष्ट्र के जन्म के बारे में प्रतिक्रियावादियों को छोड़कर लगभग सर्वानुमति है कि औपनिवेशिक दासता से मुक्ति संघर्ष की प्रक्रिया में ही इसे हासिल किया गया है। लेकिन किसी राष्ट्र का जन्म किसी घटना का परिणाम नहीं होता…
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Dec- 2023 -21 Decemberसामयिक
तालाब ठाकुर का
‘ठाकुर का कुआँ’ कविता दलित साहित्य की प्रथम पीढ़ी के साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि ने सन 1981 में लिखी थी। नब्बे के दशक के आरंभिक वर्ष में लिखी जाने वाली यह कविता हिंदी कविता में नए प्रस्थान की तरह है।…
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