third gender
-
मुद्दा
व्यवस्था के मारे किन्नर
समाज अथवा देश को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए नियम-कानून या व्यवस्था आवश्यक होता है। किन्तु किसी भी समाज में व्यवस्था को बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती होती है। यदि व्यवस्था सही न हो तो आम जनता…
Read More » -
सिनेमा
हिन्दी सिनेमा में तृतीयलिंगी – पुखराज जाँगिड़
पुखराज जाँगिड़ “माननीय कलक्टर साहब, अभी भारतवर्ष में कोनों सोचने का बखत आ गया है कि हम हिजड़े भी इंसान होते हैं, इंसान, कोनों अजूबा नहीं। पुराणकाल का इतिहास उठाके देख लें, हम किन्नरों ने मेहनत मशक्कत करके…
Read More »