Seventy-five years of independent India and its contradictions
-
देश
स्वाधीन भारत के पचहत्तर वर्ष और उसके अन्तर्विरोध
“कौन आज़ाद हुआ? किस के माथे से ग़ुलामी की सियाही छूटी, मेरे सीने में अभी दर्द है महकूमी का मादर-ए-हिन्द के चेहरे पे उदासी है वही” मशहूर शायर अली सरदार जाफ़री द्वारा लिखी यह नज़्म आज़ाद भारत और आज़ादी…
Read More »