parul khakkar

  • चर्चा में

    तुझे खामोश रहना है

      यह शीर्षक गुजराती साहित्य परिषद की पाक्षिक पत्रिका ‘निरीक्षक’ के 16 जून 2021 के अंक में प्रकाशित पारुल खख्खर की 14 पंक्तियों की कविता ‘तारे बोलवानुं नहि’ का हिन्दी अनुवाद है। इस कविता का हिन्दी अनुवाद इन पंक्तियों के…

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  • चर्चा मेंगुजराती लेखकों

    गुजराती लेखकों के विरोधी स्वरों की गूँज

      गुजरात साहित्य अकादमी एक सरकारी संस्था है और गुजराती साहित्य परिषद गुजराती साहित्य के विकास और उन्नति के लिए सही अर्थों में साहित्य परिषद है, जिसकी स्थापना रणजीत राय मेहता (25.10.1881 – 04.06.1917) ने गुजराती समाज के सभी वर्गों के लिए…

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  • चर्चा में

    चित्रा मुद्गल और पारुल खक्कर

      77 वर्षीय चित्रा मुद्गल हिन्दी की प्रसिद्ध चर्चित लेखिका हैं और गुजराती कवयित्री 51 वर्षीय पारुल खक्कर चित्रा मुद्गल से 26 वर्ष छोटी हैं, जिनके नाम से 11 मई से पहले गुजरात के बाहर का साहित्य-संसार अपरिचित था। चित्रा…

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