nupur ashok

  • लिए लुकाठी हाथ

    बाबा जी राम राम

      मोहनदास को स्वर्ग में रहते हुए सत्तर से भी ज़्यादा वर्ष हो चुके थे। धर्मराज सत्तर साल से उन का रिपीट टेलीकास्ट देख-देखकर उकता चुके थे। उन्होंने फैसला किया कि कुछ नए एपिसोड देखे जाएँ। लिहाजा पिछले सीजन के…

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  • लिए लुकाठी हाथlockdown

    लॉक डाउन और असली चेहरे

      मुझे शक हो रहा है कि यह कोरोना वाकई में कोई वायरस है या फिर कोई स्कूल इंस्पेक्टर? क्योंकि हमारे सरकारी स्कूल में जैसे ही खबर आती थी कि इंस्पेक्शन होने वाला है तो सारी चीजें एक झटके में…

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  • लिए लुकाठी हाथ

    शिकार हो के चले

      बचपन में हम ऐसी कहानियाँ सुना करते थे जिनमें हर राज्य या नगर की सीमा के बाहर एक दैत्य हुआ करता था। सारे गाँव वाले उसके डर से थर थर काँपते थे।। जो मांगे उसके सामने धर देते थे…

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  • व्यंग्य

    पचहत्तर वाली भिन्डी का ज्ञान

      उम्र तो सिर्फ एक संख्या मात्र है| ऐसा लोग कहते हैं| यकीन मानिये, ये कहने वाली बातें सिर्फ कहने के लिए ही होती हैं| वरना असली जीवन सिर्फ संख्या पर ही निर्भर है| स्कूल का एडमिशन हो या नौकरी…

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  • व्यंग्य

    चुनाव का परम ज्ञान

      लोग सोचते हैं कि चुनाव एक राजनीतिक प्रक्रिया है| पर वास्तव में यह एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है| चुनाव आपको अहसास दिलाता है कि यह विश्व नश्वर है| जो कल था वह आज नहीं हैं, जो आज है वह कल…

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