लड़की हूँ लड़ सकती हूँ
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सामयिक
लोकतन्त्र का पचहत्तरवां साल और लड़की
‘लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ ‘ यह नए हिंदुस्तान की नींव रखने वाला एक नारा नहीं, एक सोच है । यह नए भारत का आह्वान है। आधी आबादी को बराबरी का वादा करता है। लोकतन्त्र को यह नया आयाम…
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