मार्क्सवाद
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लोकसभा चुनाव
चुनावी बांड योजना : धनपशुओं की देहरी पर नाक रगड़ता लोकतन्त्र – प्रमोद मीणा
हिन्द स्वराज में गाँधी जी ने पश्चिमी ढंग के लोकतन्त्र को लेकर अपना असंतोष बहुत ही तीखे शब्दों में व्यक्त किया है। यहाँ तक कि उनका असंतोष और आक्रोश भाषा की नैतिक मर्यादा भी लांघ जाता है। वे उस…
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शख्सियत
स्वप्न और क्रान्ति के कवि गोरख पाण्डेय – मनोज कुमार झा
मनोज कुमार झा दुनिया के कई महान और क्रान्तिकारी कवियों ने आत्महत्या की है। कवियों की हत्या भी की गई है। पिछली सदी के अन्तिम दशक में क्रान्तिकारी कवि पाश की आतंकवादियों ने हत्या कर दी, तो एक…
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Democracy4you
पिछड़ों की किसानी व कम्युनिस्ट धारा
पिछले अंक में पिछड़ी जाति की जमींदारी या सोशलिस्ट धारा पर बात हुई थी। इस धारा से आने वाले पिछड़ी जाति के बड़े-बड़े नेतागण किस प्रकार अंतर्कलह, विचारधारात्मक समझौते, सत्ताप्राप्ति के लिए हर किस्म के अनैतिक गठजोड़ का समर्थन…
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