गीतांजलि श्री
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साहित्य
विमर्श के लिए शब्द ज़रूरी नहीं होते हैं
अभी चंद रोज़ पहले कोलकाता में गीतांजलि श्री जी आई थी। प्रश्नोत्तर के एक उथले से सत्र के उस कार्यक्रम में घुमा-फिरा कर वे यही कहती रही कि उन्हें इस बात की परवाह नहीं है कि कोई उनके उपन्यास…
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