कृषि कानून और किसान आन्दोलन

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    कृषि कानून और किसान आन्दोलन

      रामधारी सिंह दिनकर ने 1933 की अपनी एक कविता ‘दिल्ली’ में दिल्ली को ‘कृषक-मेध की रानी’ कहा है। स्वतन्त्र भारत में कृषि प्रश्नों, समस्यायों पर कम ध्यान दिया गया। सरकार किसी भी दल की रही हो, कृषि-सम्बन्धी सभी समस्यायों…

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