आदिवासी लेखन
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आवरण कथा
आदिवासी लेखन की उभरती चेतना की स्वरसंगिनी – प्रभाकर तिर्की
प्रभाकर तिर्की दरअसल आदिवासी चेतना का लेखन, एक तरफ अपनी पीड़ा खुद कहने, अपने सामाधान खुद ढुंढने की चेष्टा है, वहीँ वह अपनी संस्कृति को नष्ट करने, अपने संसाधनों पर कब्जा जमाने के षडयंत्रों के बरक्स प्रतिरोध की…
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