अमर प्रेम वही है जिस पर खून के हल्के-हल्के से छींटे हो ताकि उसे बुरी नजर ना लगे
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सिनेमा
कसौली का कहर
दिल्ली की ‘हसीन दिलरूबा’ पर ‘कसौली का कहर’ कुछ इस तरह पड़ता है कि फिल्म की कहानी जासूसी उपन्यास में तब्दील हो जाती है। इस बात में तनिक संदेह नहीं कि साहित्य का प्रभाव समाज पर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष…
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