अकबर इलाहाबादी सम्मान से प्रसिद्ध कवि बुद्धिसेन शर्मा को नवाजा जाएगा। सुभद्रा कुमारी चौहान सम्मान सऊदी अरब की इफ्फत जहरा रिजवी और नेपाल की पूजा बहार को दिया जाएगा। साहित्यिक संस्था गुफ्तगू की तरफ से सम्मान देने का निर्णय लिया गया। देश विदेश की कई साहित्यिक हस्तियों को सम्मानित किया जाएगा। संस्था के अध्यक्ष इम्तियाज अहमद गाजी की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस आशय ऐलान किया गया है। इम्तियाज अहमद गाजी के मुताबिक, नौ जून को सम्मान समारोह का आयोजन करके साहित्य के क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित किया जाएगा। अंतर्राष्ट्रीय स्तर के सम्मान समारोह में अकबर इलाहाबादी सम्मान प्रयागराज के कवि बुद्धिसेन शर्मा को दिया जाएगा।
सुभद्रा कुमारी चौहान सम्मान के लिए सऊदी अरब की इफ्फत जहरा रिजवी और नेपाल की पूजा बहार को चुना गया है। सुभद्रा कुमारी चौहान सम्मान के लिए ही अन्य लोगों में लखनऊ की सुमय्या राणा, स्वधा रवींद्र उत्कर्षा, फरीदाबाद की नमिता राकेश, मेरठ की अंजू सिंह ‘गेसू’, रांची की बीना श्रीवास्तव, नजमा नाहिद अंसारी, नयी दिल्ली की उर्वशी उपाध्याय, प्रयागराज की सुमन ढींगरा, शिबली सना का नाम शामिल है। बेकल उत्साही सम्मान के लिए प्रयागराज के नैयर आकिल को मरणोपरांत दिया जाएगा। इसके अलावा बेकल उत्साही सम्मान से अलीगढ़ से अरूण आदित्य, फरहत अली खान, गाजीपुर के उबैदुर्रहमान सिद्दीकी, प्रयागराज की रचना सक्सेना, अख्तर अजीज, डॉ. रामलखन चैरसिया को नवाजा जाएगा। सीमा अपराजिता सम्मान के लिए पुणे की शकीला सहर, गाजियाबाद की पारो चौधरी, बिहार के किशनगंज जिले से कुमारी निधि चौधरी, प्रयागराज की मधुबाला, अदिति मिश्रा के नाम का चयन किया गया है।
.
शिवा शंकर पाण्डेय
लेखक सबलोग के उत्तरप्रदेश ब्यूरोचीफ और भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के प्रदेश महासचिव हैं| +918840338705, shivas_pandey@rediffmail.com
Related articles

यूपी में मजाक सियासी गठजोड़
शिवा शंकर पाण्डेयNov 12, 2022
उप चुनाव जीत के मायने
शिवा शंकर पाण्डेयJul 21, 2022
कोरोना का वैक्सीन : ये कैसी सियासत?
शिवा शंकर पाण्डेयJan 26, 2021
यूपी में बढ़े अपराधों ने नींद उड़ाई
शिवा शंकर पाण्डेयOct 16, 2020डोनेट करें
जब समाज चौतरफा संकट से घिरा है, अखबारों, पत्र-पत्रिकाओं, मीडिया चैनलों की या तो बोलती बन्द है या वे सत्ता के स्वर से अपना सुर मिला रहे हैं। केन्द्रीय परिदृश्य से जनपक्षीय और ईमानदार पत्रकारिता लगभग अनुपस्थित है; ऐसे समय में ‘सबलोग’ देश के जागरूक पाठकों के लिए वैचारिक और बौद्धिक विकल्प के तौर पर मौजूद है।
विज्ञापन
