सफ़दर इमाम क़ादरी
-
Dec- 2020 -31 Decemberशख्सियत
हमारी पीढ़ी ने शमसुर्रहमान फ़ारूक़ी को कैसे देखा?
1980 के बाद जब हमारी पीढ़ी ने उर्दू साहित्य में अपने लेखन से दस्तकें देना शुरू कीं, उस वक्त बड़े आलोचकों की पीढ़ी समाप्ति पर थी। सैयद एहतिशाम हुसैन विदा हो चुके थे। कलीमुद्दीन अहमद भी अभी-अभी गुज़रे थे। आले…
Read More »