लालू जी
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बिहार
लालू प्रसाद : अर्श से फर्श तक
‘‘कभी अर्श पर कभी फर्श पर, कभी उनके दर कभी दर-बदर कभी रुक गए कभी चल दिये, कभी चलते-चलते भटक गए।’’ यह नज्म तो आपने सुनी होगी। फर्श से अर्श पर पहुंचने की कहानियाँ तो अक्सर मिसाल बन जाती…
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सामयिक
लालू जी के नाम खुला पत्र
आदरणीय लालू जी, मेरा प्रणाम आपको स्वस्थ्य देखकर काफी ख़ुशी हुई। जनता काफ़ी उत्साहित है। आप ग़रीब-गूरबों के नेता हैं, बिहार के शोषित और बांचित समुदाय के मसीहा रहे हैं। बिहार में सामाजिक न्याय की धारा और समाजवादी स्तम्भों…
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