tejas poonia sablog
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सिनेमा
फिल्म देखिए, पसन्द आए तो पैसे दीजिए!
यह कड़वा सच है कि मायानगरी मुंबई ही नहीं देश के हर कोने में रहने वाले इंडिपेंडेंट फिल्म मेकर्स की फिल्म को रिलीज करने की दुश्वारियां कई सौ नहीं हजारों हैं। इधर ऐसा ही फिर से हुआ है एक…
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सिनेमा
फ्लॉवर और फायर के बीच ‘पुष्पा’
{Featured in IMDb Critics Reviews} पुष्पा, पुष्पा, पुष्पा पिछले दो महीनों से यही नाम घूम रहा है सिनेमा की दुनिया में। हर कोई दीवाना कोई किसी के लिए क्यों होगा? वो भी ऐसे कैरेक्टर के लिए जो भले…
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सिनेमा
एक्शन, इमोशन, रोमांच का ओवरडोज ‘मरजाने’ में
{Featured in IMDb Critics Reviews} पंजाब के सिनेमा में उम्दा फिल्में कम ही बन पाती हैं। ज्यादातर फिल्में कॉमेडी के साथ-साथ कमाई करने के इरादे से कमर्शियल सिनेमा बनाया जाता है। हालांकि ‘मरजाने’ भी कमर्शियल सिनेमा से अछूती…
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पुस्तक-समीक्षा
ताज़ा खिले गुलाब की पहली खुशबू सा ‘आदिवासी कथा आलोचना विशेषांक’
आदिवासियों को लेकर पहला जहन में जो ख्याल आता है वह सिनेमा में हमें दिखाए गए उनके स्वरूप को लेकर ही आता है। पेड़ों की पत्तियों को वस्त्र बनाना, पौधों के फूलों को गहना साथ ही अजीब-अजीब सी भाषा…
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