Rekha
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शख्सियत
‘रेखा’ एक खुली क़िताब जिसे पढ़ना बाकी है
अधूरी शाम का अधूरा किस्सा हूँ मैं, जो पढ़ा न गया वो किताब हूँ मैं जाने क्यों मुझे लगता रहा है कि अभिनेत्री रेखा का जीवन एक खुली किताब है, बिल्कुल उनके नाम की तरह, सीधी स्पष्ट रेखा। पर…
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स्तम्भ
जन्मदिन विशेष : ‘बस एक बार मेरा कहा मान लीजिए’…
sablog.in डेस्क – वो बॉलीवुड के लिए आज भी बिंदास हैं, क्योंकि वो आज भी उतनी ही हसीन और जवान हैं जितनी आज से तीस साल पहले थीं। जी हां, बात हो रही है बॉलीवुड की उमराव जान की, जिनकी…
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