ravindra nath tagore
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शख्सियत
आज होते तो क्या चाहते गुरु रविन्द्र?
गुरुवर रविन्द्र नाथ टैगोर की पुण्यतिथि पर उनकी रचनाएँ याद आना लाजिमी है आपको भी आ रही होंगी। एक कविता जो बहुत प्रसिद्ध है, इन पंक्तियों की लेखिका को भी याद आई। बेहद पसन्द है और तीसरी कक्षा में…
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साहित्य
स्मृति शेष – उस पागल चंदर को कैसे भूले कोई…
sablog.in – पूरा तो याद नहीं, लेकिन जिले का नाम भागलपुर था, अब वहां किस लेखक का घर था, यह याद नहीं। हां, इतना याद है कि वो सर्दी की रात के अंधेरे में आम के पेड़ के नीचे कुछ…
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