charkha
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सामयिक
वैज्ञानिकता का पुनर्पाठ : अंधविश्वास और महिलाएँ
भारतीय समाज के केन्द्र में जब-जब महामारी आती है तो सिर्फ़ महामारी ही नहीं आती, बल्कि उसके साथ आती है बहुत सारी भ्रांतियाँ, अंधविश्वास और ऊटपटांग आडम्बर। भारत में जब 19वीं सदी में चेचक जैसी महामारी ने पैर पसारा तो ज्यादातर ग्रामीण…
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सामयिक
कोरोना से लड़ाई में भूल जाएँ जीभ का स्वाद
प्रीति पाण्डेय दिल्ली में एक पिज़्ज़ा डिलीवरी बॉय का कोरोना पॉजिटिव पाया जाना एक बार फिर किसी बड़े समूह को मुश्किल में डाल दिया है। प्रशासन ने तुरन्त कार्यवाही करते हुए उन 72 घरों को सील कर दिया है जिनमें…
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