दिल्ली विश्वविद्यालय
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पर्यावरण
पारम्परिक खेती : खाद्य सुरक्षा का विकल्प
मानव ने दस हजार वर्ष पूर्व खेती करना आरम्भ किया। उस युग में खेती करने के लिए सबसे पहले उगाए जाने वाले अनाजों में धान की खेती की गई क्योंकि इसकी खेती दूसरे अनाजों की तुलना में ज्यादा आसान…
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सिनेमा
बीसवीं सदी और आज के हिन्दी सिनेमा में दलित नायक
हिंदुस्तान की महाकाव्य परम्परा में नायक के लिए लक्षण होते थे। आचार्य विश्वनाथ के अनुसार “महाकाव्य का नायक कुलीन, क्षत्रिय या देवता होना चाहिए”। जाति और देवत्व का भाव समय के साथ आधुनिक साहित्य में तो खत्म हो गया,…
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हाँ और ना के बीच
मुक्ति अकेले में नहीं मिलती
टी.वी. ऑन किया तो किसी विशेषज्ञ के मुँह से निम्नलिखित शब्द सुनाई पड़े। “यहाँ कोई रो नहीं सकता। चल नहीं सकता। कुछ बोल नहीं सकता। सुन नहीं सकता। क्योंकि आवाज को लाने, ले जाने के लिए माध्यम नहीं है।…
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नाटक
अदिति महाविद्यालय में ‘कलरफुल ड्रीम्स’
पिछले एक दशक में अदिति महाविद्यालय ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कैम्पस थियेटर में अपनी खासी पहचान बना ली है| पिछले दिनों महाविद्यालय की स्थापना के रजत-जयन्ती वर्ष के विभिन्न कार्यक्रमों की कड़ी में एक नाट्य-प्रस्तुति भी हुई, जिसका नाम…
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