‘सियाहत’
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पुस्तक-समीक्षा
यात्रा के बहाने स्थानीयता और राष्ट्रीयता को जोड़ने वाला सेतु है ‘सियाहत’
हिन्दी में यात्रा वृत्तांत खूब लिखे गए। लेकिन 21वीं सदी में अचानक सार्थक यात्रा वृत्तान्तों का अभाव सा हो गया। जो लिखे भी गए उनमें रोमानियत, पर्यटनवादी भावना और उपभोक्तावादी नजरिया हावी रहा जिसका मुख्य उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा…
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