राजेश निर्मल
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सामयिक
वैज्ञानिकता का पुनर्पाठ : अंधविश्वास और महिलाएँ
भारतीय समाज के केन्द्र में जब-जब महामारी आती है तो सिर्फ़ महामारी ही नहीं आती, बल्कि उसके साथ आती है बहुत सारी भ्रांतियाँ, अंधविश्वास और ऊटपटांग आडम्बर। भारत में जब 19वीं सदी में चेचक जैसी महामारी ने पैर पसारा तो ज्यादातर ग्रामीण…
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चरखा फीचर्स
गाँव में होम क्वारंटाइन का मतलब
राजेश निर्मल जब भारत में करोना के मामले तेजी से बढ़ने लगे, तब होम क्वारंटाइन जैसा एक शब्द आँधी की तरह आया। जिसने न केवल भारत कीचरमराई स्वास्थ्य सेवा की कड़वी सच्चाई को सामने ला दिया बल्कि इसकी कमीने कई जिन्दगियों को उजाड़ कर रख…
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