मोहम्मद के यौनिक दृष्टि से बच्चों के प्रति रुझान की बात

  • मुद्दा

    ईशनिंदा की नयी परिभाषा !

      क्या बाइबिल, हदीथ और कुरआन जैसे धर्मग्रंथों में लिखी किसी बात को सार्वजनिक रूप से पढ़ना, लिखना या उस पर विचार-विमर्श करना ईशनिंदा माना जाना चाहिए? स्ट्रासबर्ग स्थित मानवाधिकार की यूरोपियन अदालत (European Court of Human Rights) के हाल…

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