पूर्णिया
-
आँखन देखी
जनतंत्र की किस्सागोई
भारतीय समाज को यदि समझना है तो समाजशास्त्रियों को लोगों से चुनाव के समय बातें करनी चाहिए, क्योंकि उस समय हर कोई राजनीति और समाज के बारे में बात करने के मूड में होता है। आप एक सवाल करेंगे,…
Read More »
भारतीय समाज को यदि समझना है तो समाजशास्त्रियों को लोगों से चुनाव के समय बातें करनी चाहिए, क्योंकि उस समय हर कोई राजनीति और समाज के बारे में बात करने के मूड में होता है। आप एक सवाल करेंगे,…
Read More »