पुस्तक समीक्षा
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पुस्तक-समीक्षा
‘द मुस्लिम वैनिशेस’ मुस्लिम मुक्त भारत की नाटकीय परिकल्पना
भारत एक बहुरंगी मुल्क है और आज उसकी यही सबसे बड़ी ताकत निशाने पर है। पिछले कुछ सालों से इस देश के दूसरे सबसे बड़े धार्मिक समूह के वजूद को नकारने और उनकी वैधता पर सवाल खड़ा करने की…
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पुस्तक-समीक्षा
‘महज़ आदमी’ वह जो खास नहीं, आम है
अनिल किशोर सहाय चुपचाप काव्य की गलियों में यात्रा करनेवाले साहित्यकार हैं। बिना शोरगुल, दिखावे के कुछ सार्थक रचते रहनेवाले शान्त कवि। लेकिन उनकी कविताएँ बोलती हैं। यह उनकी पुस्तक ‘महज़ आदमी’ से गुजरते हुए महसूस होता रहा। कार्यक्रम अधिशासी…
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पुस्तक-समीक्षा
टिकट प्लीजः डायरी के बहाने रेलवे का रोजनामचा
जिंदगी की छोटी-छोटी घटनाओं को पकड़ना और साहित्य की शक्ल देकर उसे बेहतर उपन्यास बना देने का हुनर देखना हो तो रामदेव सिंह का ‘टिकट प्लीज’ उपन्यास जरूर पढ़ना चाहिए। रेलवे के टीटीई शार्दूल अनिकेत की डायरी के बहाने…
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पुस्तक-समीक्षा
राष्ट्रवाद से जुड़े विमर्शों को रेखांकित करती एक किताब
देश में राष्ट्रवाद से जुड़ी बहस इन दिनों चरम पर है। राष्ट्रवाद की स्वीकार्यता बढ़ी है। उसके प्रति लोगों की समझ बढ़ी है। राष्ट्रवाद के प्रति बनाई गई नकारात्मक धारणा टूट रही है। भारत में बुद्धिजीवियों का एक वर्ग ऐसा…
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