पुस्तक-दस्यु
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लिए लुकाठी हाथ
बड़ावाला पुस्तक प्रेमी
बहुत दिनों के बाद जब मैं अपने मित्र रामभरोसे के साथ श्रीमान कखग के घर गया तो वह मुझे देखकर सकपका गया। मित्र को कारण समझ में नहीं आया मगर मैं भी मन-ही-मन मुस्कुराने लगा क्योंकि कारण मेरी समझ…
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