नाता ये कोई और है
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सृजनलोक
नाता ये कोई और है…
भाव-कथा काव्य मैं सेंध लगाकर उनके जीवन में घुस गयी थी और वे निकाल न सके थे मैं उन्हें अपने जीवन में खैंच लायी थी और वे निकल कर जा न सके थे… मैं उनकी रिश्वत बन…
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भाव-कथा काव्य मैं सेंध लगाकर उनके जीवन में घुस गयी थी और वे निकाल न सके थे मैं उन्हें अपने जीवन में खैंच लायी थी और वे निकल कर जा न सके थे… मैं उनकी रिश्वत बन…
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