अन्ततः मनुष्य होना पड़ता है कवि को
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शख्सियत
अन्ततः मनुष्य होना पड़ता है कवि को
अविभाजित बंगाल में ढाका जिला के विक्रमपुर में 02 सितम्बर 1920 को जन्मे बांग्ला के अज़ीम शायर बीरेंद्र चट्टोपाध्याय का यह शताब्दी वर्ष है। बेहद साधारण नज़र आने वाले इस कवि के झोले में उनकी किताबें रहती थीं हमेशा…
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