रश्मि रावत

रश्मि रावत

लेखिका दिल्ली विश्वविद्यालय के एक कॉलेज में अध्यापन और प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में नियमित लेखन करती हैं। सम्पर्क- +918383029438, rasatsaagar@gmail.com
  • Feb- 2021 -
    17 February
    हाँ और ना के बीच

    ये सड़क कहाँ जाती है?

      अपने प्रिय लेखक रेणु जी के ‘मैला आँचल’ उपन्यास की ये पंक्तियाँ पढ़ रही थी “बालदेव अब जान रहते इन चिट्ठियों को नहीं दे सकता। इन चिट्ठियों को देखते ही जमाहिरलाल नेहरू जी बावनदास को मेनिस्टर बना देंगे, नहीं…

    Read More »
  • Jan- 2021 -
    23 January
    हाँ और ना के बीच

    वह और समाज का ‘मैं’

    अपने इर्द-गिर्द किसी व्यक्ति के साथ घटित, दिल-दिमाग को बेतरह झकझोर जाने वाले सच्चे अनुभव हर महीने इस स्तम्भ में दर्ज होते रहे हैं। वर्तमान समय का परिवेश कुछ ऐसा है कि मन को व्यथित-विचलित कर देने वाली घटनाओं का…

    Read More »
  • Jul- 2020 -
    28 July
    शख्सियत

    जहाँ पर हम रुके वहाँ से तुम चलो

      साहित्य की दुनिया से शुरुआती परिचय के दिनों से ही समकालीन हिन्दी आलोचना में नामवर जी की केन्द्रीय भूमिका से परिचित हो चली थी। अनौपचारिक चर्चाओं में भी शोधार्थी और साहित्य सेवी अपनी बात में वजन बढ़ाने के लिए…

    Read More »
  • 20 July
    हाँ और ना के बीच

    ठिठकी हुई जिन्दगानियाँ

      इस विकट वर्तमान में इतना कुछ अकल्पनीय अब तक देखा, सुना, कहा। वही चेतना पर बहुत भारी था। भूख, थकान, पस्ती, गर्मी के अनवरत सिलसिलों से निढाल पड़ती- कभी बचती, कभी टूटती जानें। घरेलू हिंसा और स्त्री पर होने…

    Read More »
  • Apr- 2020 -
    29 April
    हाँ और ना के बीचat home in lockdown

    उनका हिस्सा

      लॉकडाउन हुए लगभग महीना भर हुआ। अन्दर रहते-रहते जी उकता गया। बाहर जा नहीं सकती तो याद आया कि अपार्टमेंट में भी तो छत होती होगी। महानगरों की बहुमंजिला इमारतों में रहने वाले मध्यवर्ग की न जमीन अपनी होती…

    Read More »
  • Mar- 2020 -
    25 March
    हाँ और ना के बीचthappad movie scene

    थप्पड़ की गूँज

      अनुभव सुशीला सिन्हा निर्देशित ‘थप्पड़’ मूवी देख रही थी। सिनेमा मैं अक्सर अकेले ही देखती हूँ। मगर आज ख्यालों में एक प्यारा सा दोस्त साथ चला आया। आधे तक तो मैं मूवी के साथ चली फिर मेरे दिमाग में…

    Read More »
  • Jun- 2019 -
    26 June
    हाँ और ना के बीच

    नाम की उलझन

      अपनी सहेली से फोन पर बात हो रही थी। हम एक-दूसरे से यह साझा कर रहे थे कि हमारे आस-पास के परिवेश में इन दिनों किस तरह के बदलाव नजर आ रहे हैं। अगर कोई अखबार, किताबें इत्यादि न…

    Read More »
  • May- 2019 -
    30 May
    उत्तराखंड

    शान्त दिखते जल के भीतर की जानलेवा सड़ांध

      उत्तराखंड के टिहरी के श्रीकोट गाँव में 26 अप्रैल को जितेंद्र दास नामक एक युवक की सिर्फ इसलिए बुरी तरह पिटाई कर दी गई कि वह एक विवाह समारोह में कुछ लोगों के साथ कुर्सी पर बैठकर खाना खा…

    Read More »
  • 6 May
    हाँ और ना के बीच

    मुक्ति अकेले में नहीं मिलती

      टी.वी. ऑन किया तो किसी विशेषज्ञ के मुँह से निम्नलिखित शब्द सुनाई पड़े। “यहाँ कोई रो नहीं सकता। चल नहीं सकता। कुछ बोल नहीं सकता। सुन नहीं सकता। क्योंकि आवाज को लाने, ले जाने के लिए माध्यम नहीं है।…

    Read More »
  • Apr- 2019 -
    4 April
    स्त्रीकाल

    पंख तो है मगर आसमाँ नहीं

      राष्ट्रीय सीमाओं पर घटित हलचल से दिलों में विक्षोभ है। देश में चुनावों का माहौल गरमाया हुआ है। जन-आन्दोलनों से व्यापक तौर पर जुड़ी हस्तियों की चुनावों में हार ने चिन्ता को और भी गहरा दिया है। ऐसे समय…

    Read More »
Back to top button