इलेक्टोरल बांड
-
लोकसभा चुनाव
चुनावी बांड योजना : धनपशुओं की देहरी पर नाक रगड़ता लोकतन्त्र – प्रमोद मीणा
हिन्द स्वराज में गाँधी जी ने पश्चिमी ढंग के लोकतन्त्र को लेकर अपना असंतोष बहुत ही तीखे शब्दों में व्यक्त किया है। यहाँ तक कि उनका असंतोष और आक्रोश भाषा की नैतिक मर्यादा भी लांघ जाता है। वे उस…
Read More »