मैं प्रगतिशील लेखक संघ की लक्खीसराय ईकाई को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। हम सभी जानते हैं कि 1936 में जिस प्रलेस की स्थापना हुई उसकी सदारत, प्रेमचन्द ने की थी। इस महत्वपूर्ण मौके पर प्रेमचन्द ने जो वक्तव्य दिया…