love
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विशेष
अकथ कहानी प्रेम की, कहत कही न जाए
वेलेंटाइन्स-डे पर ख़ास पेशकश प्रेम, इश्क़ या मोहब्बत ऐसे अहसासात हैं जिनका हाल-ए-बयाँ बड़े-बड़े नहीं कर सके। अगर कभी कोशिश भी की तो ज़रा सा कमी हमेशा ही रह गई। इंसानी ज़िन्दगी का एक अहम् हिस्सा होने के बावजूद…
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सामयिक
आखिर क्या है प्रेम ?
सलिल सरोज क्या प्रेम कोई आकर्षण है, दैहिक आसक्ति है, सम्भोग की इच्छा है, पल दो पल का जुड़ाव है, या बिना कुछ बोले या कहे भी एक दुसरे के लिए जीने-मरने की कवायद है या इन सब…
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साहित्य
वो आखिरी शब्द… अलविदा दिल्ली… अब नहीं लौटना तुम्हारे आंगन में…
sablog.in डेस्क : अगस्त का महीना था। मॉनसून अपने शबाब पर था। खिड़की के बाहर रिमझिम बूंदें धरती पर थपाथप गिर रही थी और बूंदों के बीच ना जाने रोहन की आंखें क्या तलाश कर रही थी। उमस भरी दिल्ली की…
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