bhasha
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भाषा आंदोलन और भारतीय लोकतंत्र
मिथिलेश कुमार झा लोकतंत्र के सिद्धांतों को हम वास्तव में कैसे और कहाँ सार्थक रुप में प्रभावी बना सकते हैं? इन विषयों पर विद्वानों के बीच हुए बहसों और चर्चाओं में,अखिल भारतीय परिप्रेक्ष्य पर अत्यधिक जोर दिया गया है। कुछ…
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चर्चा में
बोलने का बदलता सामाजिक-दायरा और भाषा
राजनीति राष्ट्रीय आत्मसम्मान की रीढ़ है। इस रीढ़ की मजबूती सुनिश्चित करने के लिए जनप्रतिनिधियों का चुनाव होता है। देश अपने राजनेता पर गर्व करता है जब उसका नेता सार्वजनिक रूप से बोल रहा होता है; कहीं किसी को सम्बोधित…
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