मीरजापुर
-
राजनीति
सहयोगी की बढ़ती स्वहित की ख़्वाहिश – संतोष देव गिरि
संतोष देव गिरि कहते हैं ख्वाहिशें अन्तहीन होती हैं जिनका कोई अन्त नहीं होता, लेकिन यदि ख्वाइशों का अन्त होता है तो परिणाम घातक होते हैं। अन्तहीन ख्वाहिशों से राजनीति भी अछूती नहीं है। वह तब जब ख़्वाहिश…
Read More »