चाय बागन
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पश्चिम बंगाल
छूटती जाती आदिवासी जमीन
नेह अर्जुन इंदवार सदियों से आदिवासी समाज का वन पतराओं के साथ सह-अस्तित्व रहा है। जब कभी भी उनके जल-जंगल-जमीन को छीनने की कोशिश की गई, वह बहुत अशान्त हो जाता है। झारखंडी चाहे असम, भोटांग (बंगाल) गया…
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