कुँवर प्रांजल सिंह
-
चर्चा में
कोरोना, श्रमिकों की पस्त-हिम्मती और नागरिकता का सवाल
कुँवर प्रांजल सिंह आज के दौर को हम सिर्फ महामारी काल कहकर ही आगे नहीं बढ़ सकते। यह दौर लोकतन्त्र के क्रियाकलाप तथा नागरिकों के साथ होने वाले व्यवहारों के आकलन का भी यही समय है। लोकतन्त्र में…
Read More »