अशोक गौतम

  • व्यंग्य

    फिर झांसे में होरी

      अशोक गौतम   होरी पिछले एक हफ्ते से टूटी रस्सियों की झोली चारपाई पर झोला हुआ मृत्यु के इंतजार में लेटा था। सुना है, उसे वरदान मिला है कि जब तक उसका बेटा गोबर उसे मुखाग्नि देने शहर से…

    Read More »
Back to top button