अब तक तिरस्कृत रहीं रुदालियाँ

  • स्त्रीकालrudali

    गुमनाम होती ‘रुदाली’ 

      पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर और सीमावर्ती क्षेत्रों में राजे-रजवाड़ों और उनके बाद राजपूत जमींदारों के घरों में पुरुष सदस्य की मौत पर रोने का काम करने वाली रुदालियों की जब भी बात आती है, तो लेखिका महाश्वेता देवी…

    Read More »
Back to top button