लाइफस्टाइल

स्नेक प्लांट : रात में भी कार्बन डायआक्साइड को बदलता है ऑक्सीजन में

 

वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के दूसरी लहर में लोगो को ऑक्सीजन की कमी से लोगों को जूझते हुए देखा गया इसलिए घर में लगाएं स्नेक प्लांट ताकि आप ऑक्सीजन की थोड़ी आपूर्ति पूरी कर सकती है। वैसे इस प्लांट की लगभग 70 प्रजातियां पायी जाती है। स्नेक प्लांट का वैज्ञानिक नाम सांसेविरिया और बोटेनिकल नाम ड्रेकेना ट्रीफैसीयाटा है। यह पौधा घर के अंदर की हवा से नुकसानदायक तत्वों को भी निकलता है, रात में भी ऑक्सीजन बनाने की खासियत से इस पौधे को आप अपने बेडरूम में भी लगा सकती है।

पौधे को कैसे लगाएं

स्नेक प्लांट को अधिक देखभाल की जरूरत नहीं होती इसे कम धूप, कम पानी की जरूरत होती है। स्नेक प्लांट को मिट्टी ,चीनी मिट्टी या मेटल जैसे मजबूत गमले में लगाएँ क्योंकि इस पौधे की जड़े काफी मजबूत होती है इसलिए प्लास्टिक के गमले में लगाने से गमला टूट सकता है। इस पौधे को लगाने के लिए खास मिट्टी की जरूरत नही होती यह साधारण मिट्टी में भी आसानी से बढ़ता है।

स्नेक प्लांट की पत्ती नया पौधा बनाएं

आप स्नेक प्लांट के किसी बड़े पौधे के एक पत्ती को बीच से लगभग चार से छह इंच लंबे भाग में काट कर आप रूटीन हार्मोन्स या शहद में डूबो कर छोटे गमले में लगा दे और थोड़ा पानी दें। और कुछ हफ़्तो बाद जब नई पत्तियां आ जाए तो आप इसे बड़े गमले में लगा दें।

प्लांट की कटिंग को पानी में लगाएं

स्नेक प्लांट की पत्ती से कटिंग निकाले जो लगभग छह से सात इंच लम्बा हो और ज्यादा पुरानी नही इसे आप किसी ग्लास या ऐसे बर्तन में रखे की पत्तियां सीधी हो और पानी इतना रखे की कटा हुआ सिरा लगभग 2 से 3 इंच पानी में डूबा रहे और 2 से 3 दिन में पानी बदलते रहे।

पौधे की देख भाल कैसे करें

स्नेक प्लांट को एक बार पानी देने के बाद पानी तभी दे जब गमले के ऊपर की मिट्टी सुख जाए, सर्दियों में सिर्फ एक बार ही पानी दें। अगर पौधे की किसी पत्ती में ज्यादा रोग लग गया हो तो उसे तोड़ कर फेंक दे, और पूरे पौधे में सिरके की छिड़काव करें और एक हफ्ते बाद दुबारा यही प्रक्रिया दोहराए। पौधों पर धूल ना जमने दें, इससे इनकी बढ़ने की छमता काम होती हैइस पौधे की 10 डिग्री से लेकर 32 डिग्री तक के तापमान पर रखा जा सकता है

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सुचित्रा अग्रहरी

लेखिका माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय से एमबीए हैं और स्वतन्त्र लेखन करती हैं। सम्पर्क agrahari.suchitra11@gmail.com
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