दिल्ली

पटके से बनी बच्चों की पोशाक, भाजपा की अनूठी पहल

 

नई दिल्ली

आमतौर पर नेताओं को रंग-बिरंगे पटके या सिर पर साफ़ा बांधकर उनका सम्मान किया जाता है। लेकिन कभी आपने सोचा कि नेताओं को बड़ी संख्या में मिलने वाले इन पटकों (अंगवस्त्र) का आखिर होता क्या है?

अब तक इस बारे में कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई थी। लेकिन भाजपा ने एक विशेष अभियान के तहत इस सभी अंगवस्त्रों को एकत्रित कर कन्याओं के लिए कपड़े बनाने की योजना बनाई। इसके लिए आनंद विहार सेवा बस्ती से तकरीबन आधा दर्जन महिलाओं को अभियान से जोड़ा गया। महिलाओं ने सभी कपड़ों का इस्तेमाल कर बच्चों के लिए बेहतरीन पोशाक तैयार की। जिसके बदले में इन महिलाओं को निर्धारित पारश्रमिक दिया जाएगा।

इस संबंध में विष्णु मित्तल ने मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की प्रेरणा से ये विचार हमारे केन्द्रीय नेतृत्व के मन में आया कि क्यों न पटकों का इस्तेमाल कर बच्चों के लिए रंग-बिरंगी ड्रेसेज बनवाई जाएं। इस पहल से एक तरफ हम महिलाओं को रोजगार के अवसर मुहैया करा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर जरूरतमंद बच्चों को बेहतरीन पोशाक मिल रही है। हमारी संस्कृति में कन्या पूजन का विशेष महत्व है। हमने इस बार विशेष सोच के साथ अपनी बेटियों के सम्मान और पूजन का कार्यक्रम रखा है। भाजपा की इस पहल से स्थानीय महिलाएँ खुश हैं और इस अभियान की व्यापक सराहना हो रही है। यह अभियान इसी गति से आगे भी जारी रहेगा।

इस अवसर पर शाहदरा जिला अध्यक्ष संजय गोयल जी, आंनद विहार निगम पार्षद डॉ. मोनिका पंत, मंडल अध्यक्ष हितेश आर्य जी, बूथ अध्यक्ष सुनील मिश्रा, दीपक वर्मा जी, राहुल जैन जी, मंडल के सभी कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

.

कमेंट बॉक्स में इस लेख पर आप राय अवश्य दें। आप हमारे महत्वपूर्ण पाठक हैं। आप की राय हमारे लिए मायने रखती है। आप शेयर करेंगे तो हमें अच्छा लगेगा।

लोक चेतना का राष्ट्रीय मासिक सम्पादक- किशन कालजयी

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments


sablog.in



डोनेट करें

जब समाज चौतरफा संकट से घिरा है, अखबारों, पत्र-पत्रिकाओं, मीडिया चैनलों की या तो बोलती बन्द है या वे सत्ता के स्वर से अपना सुर मिला रहे हैं। केन्द्रीय परिदृश्य से जनपक्षीय और ईमानदार पत्रकारिता लगभग अनुपस्थित है; ऐसे समय में ‘सबलोग’ देश के जागरूक पाठकों के लिए वैचारिक और बौद्धिक विकल्प के तौर पर मौजूद है।
sablog.in



विज्ञापन

sablog.in