अजय तिवारी

अजय तिवारी

लेखक हिन्दी के प्रसिद्द आलोचक हैं। सम्पर्क +919717170693, tiwari.ajay.du@gmail.com
  • Sep- 2025 -
    25 September
    प्रासंगिक

    दक्षिणपन्थी छवि और विरोधाभास

      ‘कौन हैं भारतमाता’ का सवाल उठाते हुए नेहरू जी ने जब किसानों से कहा था कि असली भारतमाता तुम्ही लोग हो, तब वह स्वाधीनता आन्दोलन का समय था। यह प्रश्न और इसका उत्तर व्यक्ति के विचारधारात्मक रुझान पर निर्भर…

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  • Dec- 2024 -
    12 December
    मुद्दाआर्थिक प्रश्न और राजनीतिक नीति

    आर्थिक प्रश्न और राजनीतिक नीति

        आर्थिक प्रश्नों को राजनीतिक मुद्दा नहीं मानना चाहिए हालाँकि आर्थिक स्थिति को निर्धारित करने का निर्णय वे ही करते हैं; फिर भी राजनीतिक प्रणाली का निर्धारण आखिरकार आर्थिक वातावरण ही करता है। पूँजीवादी समाज व्यवस्था में आर्थिक नीति…

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  • Oct- 2024 -
    16 October
    सेहत

    स्वास्थ्य सेवाओं में कॉर्पोरेट पूँजी

      स्वास्थ्य सेवाओं में कॉर्पोरेट पूँजी के अधिकाधिक प्रवेश के कारण कौन सी मुश्किलें मरीज़ों के सामने खड़ी हो रही हैं, इस बारे में जब ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ में डॉ. समीरन नन्दी का लेख पढ़ा, तब आँखें खुल गयीं, दिमाग़…

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  • 13 October
    सामयिकरतन टाटा

    टाटा की विदाई और सामाजिक प्रतिक्रियाएँ

         आखिर देश के अत्यन्त प्रमुख उद्योगपति रतन टाटा को मुंबई में अन्तिम विदाई दे दी गयी। किसी अखबार ने लिखा कि राष्ट्र द्वारा अनिम विदाई, किसी ने बताया राजकीय सम्मान के साथ अन्तयेष्टि, किसी ने कुछ और विशेषण…

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  • Aug- 2024 -
    9 August
    अंतरराष्ट्रीयबांग्लादेश में सीआईए की भूमिका

    अमेरिकी साजिश का एक और शिकार

      आखिर बांग्लादेश में भी सीआईए की भूमिका सामने आने लगी। बांग्लादेश का निर्माण जनता की इच्छा और गुटनिरपेक्ष भारत की सक्रिय सहायता से 1971 में हुआ था। अमरीका और सीआईए इससे बहुत परेशान थे। लेकिन 1975 में बदनाम अमरीकी…

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  • Apr- 2024 -
    7 April
    प्रासंगिक

    तानाशाह और शब्द की शक्ति

      तात्कालिक राजनीति हमेशा क्षुद्र होती है लेकिन सौ-पचास साल बाद वही इतिहास बन जाती है और गम्भीर अध्ययन का विषय मानी जाती है! जैसे तात्कालिक घटना नीरस वृत्तान्त होती है लेकिन शताब्दियों बाद उसपर जब विश्वास की परतें लग…

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  • Mar- 2024 -
    23 March
    देश

    जनतन्त्र का पर्व और जनतन्त्र का संकट

      संसदीय चुनाव 2024 केवल केन्द्र की सत्ता का निर्णय नहीं करेगा बल्कि भारतीय जनतन्त्र का भविष्य भी निर्धारित करेंगे। अपनी कहूँ तो अपेक्षा है सत्ता में परिवर्तन की लेकिन आशंका है अनापेक्षित के घटित होने की। अभी पूर्वी उत्तर…

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  • Aug- 2022 -
    26 August
    चर्चा में

    दिशाहीनता काँग्रेस को ले डूबेगी

           वर्तमान काँग्रेस में न आदर्श की प्रेरणा बची है, न संघर्ष की क्षमता। केंद्र में सत्ता-वापसी दूर खिसकती जा रही है और राज्यों में जनाधार सिकुड़ता जा रहा है। परिणामस्वरूप संगठन पर नेतृत्व का प्रभाव घट रहा है…

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  • Feb- 2020 -
    25 February
    चर्चा मेंजाफराबाद

    शाहीनबाग, जाफराबाद और गाँधी

      मैं 1970 में दिल्ली आया। पचास वर्षों में ऐसा पहली बार हो रहा है कि केन्द्र की सत्ताधारी सरकार के सीधे नियंत्रण में दिल्ली को हिंसा और तबाही के रास्ते पर ठेला जा रहा है। यह तटस्थ रहने का…

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  • Jul- 2019 -
    12 July
    देशकालसंघ की दंगाई योजना

    संघ की दंगाई योजना

      पुरानी दिल्ली के हौज़ क़ाज़ी इलाक़े में मोटर साइकिल पार्क करने के मुद्दे पर मारपीट के बाद सांप्रदायिक तनाव पैदा हो गया था। कुछ बदमाशों ने एक मंदिर में तोड़फोड़ करके माहौल बिगाड़ने का आधार भी दे दिया। भाजपा…

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