शैलेन्द्र चौहान
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Feb- 2021 -11 Februaryसामयिक
सावधानी और सतर्कता से ही बचाव है
अंग्रेजी में कहावत है ‘प्रिवेंशन इज बेटर देन क्योर’ यानि इलाज से रोकथाम बेहतर है। लेकिन हमारे तंत्र में रोकथाम का कंसेप्ट हर जगह गौण है। चाहे प्राकृतिक आपदा हो, मानवजनित आपदा हो, दुर्घटनाएं हों, स्वास्थ्य का मसला हो,…
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9 Februaryसामयिक
भारत में किसान आन्दोलन
आमतौर पर यह माना जाता है कि भारतीय समाज में समय-समय पर होने वाली उथल-पुथल में किसानों की कोई सार्थक भूमिका नहीं रही है, लेकिन ऐसा नहीं है, क्योंकि भारत के स्वाधीनता आन्दोलन में जिन लोगों ने शीर्ष स्तर…
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1 Februaryपश्चिम बंगाल
सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और बंगाल का चुनाव
पश्चिम बंगाल में भाजपा ने आगामी विधान सभा चुनावों में जीत के लिए अपनी पूरी ताकत और तमाम संसाधन झोंक दिये हैं। जाहिर है भाजपा के पास न संसाधनों की कमी है न प्रबन्धकों की। ममता को एक साथ…
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Jan- 2021 -26 Januaryदेश
कौन वह भारत-भाग्य-विधाता है
संविधान निर्माताओं ने भारत में गणतन्त्र की जो परिकल्पना की थी उसका मूल अभिप्राय था, गण (समाज) के लिये तन्त्र की स्थापना। ‘गण’ की पहचान के लिये संविधान की भूमिका में स्पष्ट रूप से लिखा गया था,” हम जो…
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23 Januaryशख्सियत
नेताजी सुभाषचंद्र बोस और उनकी विरासत
…नेताजी और उनकी फौज हमें जो सबक सिखाती है, वह तो त्याग का, जाति-पांति के भेद से रहित एकता का और अनुशासन का सबक है। अगर उनके प्रति हमारी भक्ति समझदारी की और विवेकपूर्ण होगी तो हम उनके इन…
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12 Januaryशख्सियत
समाज सुधारक और महान दूरदृष्टा विवेकानन्द
भारतीय समाज में ऐसे कई समाज सुधारक हुए जिन्होंने समाज के ढ़ांचे को पूरी तरह बदल कर रख दिया। ऐसे ही समाज सुधारकों में से एक हैं विवेकानन्द। विवेकानन्द बड़े स्वप्नदृष्टा थे। उन्होंने एक ऐसे समाज की कल्पना की…
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Dec- 2020 -20 Decemberशख्सियत
यू आर अनंतमूर्ति : अनंत विद्रोह की चेतना
आधुनिक कन्नड़ साहित्य की गौरवशाली परम्परा के निर्माण में दो परस्पर विरोधी समानांतर मत साथ सक्रिय रहे हैं- वैज्ञानिक बुद्धिवाद व रहस्यात्मक अंत: प्रज्ञावाद, आक्रामक अतिवाद व मानवतावादी रूढ़िवाद। इन विरोधी दृष्टिकोणों के जटिल सह-अस्तित्व का उदाहरण यू आर…
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