34वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले में हिमाचल की छटा
- राजन अग्रवाल
हरियाणा के फरीदाबाद में देश का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय सूरजकुण्ड शिल्प मेला चल रहा है. इस बार देवभूमि कहे जाने वाले हिमाचल प्रदेश थीम राज्य के रूप में हिस्सा ले रहा है. हिमाचल प्रदेश 34वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला 2020 में राज्य से विभिन्न शिल्प और हस्तशिल्प के माध्यम से अपनी अनूठी संस्कृति और समृद्ध विरासत को प्रदर्शित कर रहा है. मुख्य चौपाल के बाई तरफ लगाई गई मेले की थीम स्टेट हिमाचल प्रदेश गैलरी में कुल्लू के मशहूर शॉल, स्टॉल, हिमाचली टोपी, जैकेट सहित हाथ की दस्तकारी का बेहतरीन नमूना मैक्रम का शीशा भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. विदेशी पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोग भी इस मेले में हिमाचल प्रदेश के परिधानों की बढ़ चढ़ कर खरीदारी कर रहे हैं. मेले में आने वाले पर्यटकों को हिमाचल की जैकेट्स और स्टाल खूब भा रहे हैं.
मेला घूमने आए पर्यटक महेश कुमार ने बताया कि इस तरह के मेले के आयोजन से बच्चों को काफी कुछ सीखने को मिलता है. पर्यटक डॉ. सुजाता आर्य ने कहा कि एक तरफ तो देश हाईटेक होता जा रहा है. बड़े शहरों में संस्कृति को खतरा सा लगता है, ऐसे में सूरजकुण्ड मेला बच्चों को जड़ों से जोड़े रखने में अहम भूमिका निभाते हैं. सांस्कृतिक कार्यक्रमों की झलकें बच्चों को देश की विभिन्नता में एकता की संस्कृति से रूबरू कराते हैं.
हिमाचल प्रदेश के सैकड़ों कलाकार विभिन्न लोक कलाओं और नृत्यों का प्रदर्शन कर लोगों का मन मोह रहे हैं. पारंपरिक नृत्यों और कला रूपों से लेकर व्यंजनों तक, दर्शकों को लुभाने के लिए हिमाचल प्रदेश विरासत और संस्कृति का एक गुलदस्ता सा नज़र आ रहा है.
हरियाणवी विरासत से रूबरू करवा रहा है आपणा घर.
34वां अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेला देश-विदेश से आये पर्यटकों और शिल्पकारों के लिए कला, संस्कृति और विरासत को प्रदर्शित करने का एक महामंच साबित हो रहा है. इन हस्तशिल्प वस्तुओं को खरीदने के लिए भारी संख्या में लोग यहाँ पहुँच रहे हैं इस हस्तशिल्प मेले में विरासत हेरिटेज विलेज कुरुक्षेत्र की ओर से आपणा घर की साज-सज्जा की गई है, जिसमें हरियाणवी लोकजीवन की झलक दिखाई जा रही है.
जिसमें हरियाणवी लोकजीवन से जुड़ी हुई वस्तुएँ प्रदर्शित हैं. इस अपना घर में चक्की, गंडासा, हुक्का और मंजा जैसी प्राचीन वस्तुओं के साथ सेल्फी लेने की व्यवस्था भी की गई है. मेले में पर्यटक हरियाणवी सेल्फियों का आनंद उठा रहे हैं.
मेला परिसर में अपणा घर सभी के लिए आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है. आपणा घर के आयोजक महा सिंह पूनिया ने बताया कि चौपाल के दृश्य के माध्यम से हुक्के के साथ सेल्फी लेने वालों का अंबार लगा रहता है. सुबह से शाम तक हजारों लोग पिलंग पर बैठकर हरियाणवी शैली में सेल्फियां लेते हैं. यहां पर बनाया गया हरियाणवी झरोखा सेल्फियों के लिए नवीन प्रयोग के रूप में पर्यटकों को खूब आकर्षित कर रहा है. यहां पर हरियाणवी चक्की की स्थापना भी की गई है, जिसके साथ महिला पर्यटक चक्की पीसते हुए सेल्फी लेना नहीं भूलती. इतना ही नहीं यहां पर स्थापित किया गया हाथ का गंड़ासा भी पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है. इसके साथ भी पर्यटक हरियाणवी शैली में सेल्फियां लेते हैं. इस प्रकार सुबह से शाम तक यहां पर हजारों की संख्या में पर्यटक हरियाणवी सेल्फियों का लुत्फ उठा रहे हैं. इससे जहां एक ओर मेले में अपणा घर आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है वहीं पर सेल्फियों के माध्यम से हरियाणा की संस्कृति का संदेश विदेशों तक पहुंच रहा है.
सूरजकुंड के मेले में हरियाणा के हस्तशिल्प को विरासत की ओर से बढ़ावा देने के लिए हरियाणवी फुलझड़ियों का स्टॉल लगाया गया है.
मेले में एक ओर जहाँ विदेशी पर्यटक मेले का लुत्फ़ उठाते नज़र आ रहे हैं, वहीं स्थानीय लोग भी मेले का भरपूर मज़ा ले रहे हैं. अन्य लोगों के साथ -साथ हरियाणा के लोग भी अपनी प्राचीन विरासत को देख अभिभूत हो रहे हैं और अपने बच्चों को भी वे अपनी विरासत से रूबरू करवा रहे हैं.
मेला घूमने आयी स्थानीय निवासी मीनाक्षी ने बताया कि यहाँ आकर गाँव की यादें तरोताज़ा हो जाती हैं. हम अपने बच्चों को भी अपनी प्राचीन विरासत दिखने लाये हैं ताकि उन्हें भी अपनी विरासत और संस्कृति का ज्ञान हो सके.
लेखक इंडिया न्यूज़ हरियाणा के कार्यकारी सम्पादक और सबलोग पत्रिका के संयुक्त सम्पादक (अवैतनिक) हैं|
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