कुंवर प्रसून
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स्मृति शेष
हे हिमालय पुत्र आपकी यात्रा जारी है और हमेशा रहेगी
इसी साल 9 जनवरी का दिन था जब सुंदर लाल बहुगुणा के जन्मदिन पर मैं उनसे पहली और आखिरी बार मिला। नैनीताल समाचार और गांधीवादी सर्वोदयी सेवकों से जुड़े होने की समानता के कारण मेरा उनसे मिलना सम्भव हुआ…
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