कविता की जनपक्षधरता पर एक नजर
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पुस्तक-समीक्षा
कविता का जनपक्ष : समकालीन कविता पर सार्थक विमर्श
शैलेंद्र चौहान मूलतः कवि हैं। उन्होंने कुछ कहानियाँ और एक संस्मरणात्मक उपन्यास भी लिखा है। लघु पत्रिका ‘धरती’ का एक लम्बे अरसे तक सम्पादन भी किया है। आलोचनात्मक आलेख और किताबों की समीक्षा गाहे-बगाहे लिखते रहे हैं। आठवे दशक…
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