महात्मा गाँधी
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शख्सियत
महात्मा गाँधी और स्वराज का सपना
साधारण से असाधारण बन जाने का नाम है मोहनदास करमचंद गाँधी। प्रयोग के नए साधन तलाशने का नाम है गाँधी। कर्म पथ को जीवन का ध्येय बनाने का नाम है गाँधी। समरसता, जीवन दर्शन तथा स्वाधीनता जिनका स्वप्न था…
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स्त्रीकाल
स्त्री पुरूष से उतनी ही श्रेष्ठ है, जितना प्रकाश अंधेरे से – मुंशी प्रेमचन्द
मैं धरा हूँ, मैं जननी, मैं हूँ उर्वरा मेरे आँचल में ममता का सागर भरा मेरी गोदी में सब सुख की नदियाँ भरी मेरे नयनों से स्नेह का सावन झरा दया मैं, क्षमा मैं, हूँ बह्मा सुता मैं हूँ…
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शख्सियत
सम्पूर्ण क्रान्ति के शिल्पी : लोकनायक जयप्रकाश नारायण
आजाद भारत के असली सितारे – 12 सक्रिय राजनीति से डेढ़ दशक तक दूर रहने के बाद 1974 में “सिंहासन खाली करो कि जनता आती है।” के नारे के साथ जब मैदान में उतरे तो सारा देश जिनके…
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साहित्य
महात्मा गाँधी की भाषा दृष्टि
गाँधी के जीवन में भाषा को लेकर पहली उलझन तब पैदा हुई जब वे चौथी कक्षा में थे। अपनी आत्मकथा में उन्होंने एक संस्मरण के जरिए बताया है कि किस तरह भूमिति जैसा प्रिय विषय अँग्रेजी माध्यम की वजह…
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एतिहासिक
स्वामी सहजानन्द सरस्वती : सन्यास से समाजवादी तक का सफर
पटना से 30 कि.मी पश्चिम बिहटा आजकल इन्डस्ट्रियल हब के रूप में परिणत होता जा रहा है। बिहटा के दक्षिण सड़क किनारे ही स्वामी सहजानन्द सरस्वती का ‘सीताराम आश्रम’ स्थित है। यहीं से उन्होंने देश भर के किसान आन्दोलन…
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सामयिक
आपदा की कसौटी पर लोक और तन्त्र
आशीष कुमार शुक्ल विश्व के लिए यह कोरोना काल भले ही एक मानवीय त्रासदी की तरह हो, परन्तु यह लेख इसे भारत जैसे उदार-लोकतन्त्र में एक राजनीतिक त्रासदी के रूप में देखता है। एक ऐसी त्रासदी जिसमें ‘हम,…
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धर्म
विश्व शांति और कुरान का संदेश
मोहम्मद अब्दुल बाक़ी कुरान मजीद में बताया गया है कि भगवान अपना प्रकोप (अज़ाब) भेजने से पहले अपना अवतार भेजता है और इन्सान की पैदाइश का उद्देश्य यह है कि इन्सान उसकी (भगवान की) इबादत करे (सूरह जारियात…
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देश
सबसे पहले भारत
प्रो. संजय द्विवेदी हमारे सामाजिक विमर्श में इन दिनों भारतीयता और उसकी पहचान को लेकर बहुत बातचीत हो रही है। वर्तमान समय ‘भारतीय अस्मिता’ के जागरण का समय है। साथ ही यह ‘भारतीयता के पुर्नजागरण’ का भी समय…
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नाटक
रानावि रंगमंडल की प्रस्तुति: ‘पहला सत्याग्रही’ – आशा
आशा इस वर्ष देश महात्मा गाँधी का 150वाँ जन्म वर्ष मना रहा है| इसी सिलसिले के विभिन्न आयोजनों में गाँधी-केन्द्रित नाटकों की श्रृंखला में देश-भर में सर्वाधिक प्रदर्शन ‘पहला सत्याग्रही’ के हो रहे हैं| रवीन्द्र त्रिपाठी लिखित और…
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देश
हिन्दी की हिन्दुत्ववादी आलोचना – डॉ. अमरनाथ
डॉ. अमरनाथ जिस प्रकार प्रगतिवादी आलोचना के विकास के पीछे मार्क्सवादी जीवन दर्शन है उसी तरह आधुनिक भारत में हिन्दुत्ववादी आलोचना का भी विकास हुआ है और उसके पीछे हिन्दुत्ववादी जीवन दर्शन है। इस दर्शन का वैचारिक स्रोत…
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