शैलेन्द्र चौहान
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May- 2021 -26 Mayअंतरराष्ट्रीय
ढह गया विश्वप्रसिद्ध डार्विन आर्क
प्रशांत महासागर में इक्वाडोर का गैलापागोस द्वीप समूह स्थित है। इस द्वीप समूह में स्थित पत्थर की एक प्रसिद्ध संरचना ‘डार्विन आर्क’ का ऊपरी हिस्सा टूटकर समुद्र में समा गया है। यह पत्थर का बना प्राकृतिक मेहराब था जिसके…
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24 Mayशख्सियत
हिन्दू-मुस्लिम सौहार्द के विलक्षण पैरोकार काजी नज़रुल इस्लाम
हिन्दू-मुस्लिम सौहार्द के विलक्षण पैरोकार और महत्वाकांक्षी बांग्ला कवि-लेखक काजी नज़रुल इस्लाम आधुनिक बांग्ला काव्य एवं संगीत के इतिहास में निस्संदेह एक युग प्रवर्तक थे। प्रथम महायुद्ध के उपरांत आधुनिक बांग्ला काव्य में रवीन्द्र काव्य को एकमात्र परिष्कृत विद्यत्व…
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22 Mayसामयिक
ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना से बेहाल नागरिक
अब जैसा कि दिख रहा है कोरोना की दूसरी लहर ग्रामीण इलाकों में भी कहर ढा रही है। इस महामारी के दौरान जब महानगरों और शहरों में स्वास्थ्य का ढांचा बुरी तरह चरमरा गया है, ग्रामीण इलाकों की हालत…
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22 Mayशख्सियत
चिपको आन्दोलन की प्रणेता स्व. गौरा देवी
चिपको आन्दोलन की प्रणेता स्व. गौरा देवी को आज लोग भूल ही गये हैं। आज चिपको आन्दोलन की प्रतिछवियां तक शेष नहीं हैं। उत्तराखण्ड में वनों का जबरदस्त विनाश हो रहा है। पेड़ कट रहे हैं पर कोई भी सक्रिय…
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19 Mayअंतरराष्ट्रीय
हो चि मिन्ह: वियतनामी राष्ट्रीय मुक्ति संघर्ष के अभिन्न प्रतीक
हो चि मिन्ह का जन्म मध्य वियतनाम के “न्गे” प्रांत के “किमलिएन” ग्राम में एक किसान परिवार में 19 मई सन् 1890 ई. को हुआ था। हो चि मिन्ह जन्म के समय “न्यूगूयेन सिंह कुंग” के नाम से जाने…
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17 Mayअंतरराष्ट्रीय
क्यूबा में नेतृत्व परिवर्तन
क्यूबा के बारे में जानने की मेरी उत्सुकता बहुत पुरानी है। जब मैं इंजीनियरिंग का छात्र था और स्टूडेंट फेडरेशन में शामिल हुआ था तब दिल्ली में मावलंकर हॉल में एक एजुकेशनल कांफ्रेंस हुई थी। उस कांफ्रेंस के बाद…
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11 Mayअंतरराष्ट्रीय
बेहद डरी हुई हैं अफगानिस्तान की महिलाएं
अफगानिस्तान में अमेरिकी सेनाओं की वापसी से तालिबान और अलकायदा को नयी जिन्दगी मिल गयी है। अब यहां हिंसा की नई इबारत लिखी जा रही हैं। हर रोज हमले बढ़ते जा रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि 11…
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10 Mayमुद्दा
भारत में लैंगिक असमानता : पुरुषों की सोच में परिवर्तन की जरूरत
लैंगिक असमानता का तात्पर्य लैंगिक आधार पर महिलाओं के साथ भेदभाव से है। परंपरागत रूप से समाज में महिलाओं को कमज़ोर वर्ग के रूप में देखा जाता रहा है। महिलाओं के खिलाफ भेदभाव दुनिया में हर जगह प्रचलित है।…
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7 Mayशख्सियत
मानवता के जाज्वल्यमान नक्षत्र: गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर
निर्विवाद रूप से यह यह स्वीकार्य है कि गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर एक विलक्षण प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे। उनका व्यक्तित्व बहुआयामी था। वे एक ही साथ साहित्यकार, संगीतज्ञ, समाज सुधारक, अध्यापक, कलाकार एवं संस्थाओं के निर्माता थे। वे एक…
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6 Mayमुद्दा
वैज्ञानिकों की चेतावनी की अनदेखी की गयी
2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमन्त्री बनने के बाद कोविड- 19 का कहर सरकार के सामने देश का सबसे बड़ा मानवीय संकट है जिसमें दो लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। बहुत से वैज्ञानिकों का कहना…
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