सबलोग
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Jul- 2019 -13 Julyव्यंग्य
इधर भी ब्रेकअप उधर भी ब्रेकअप – वेद प्रकाश भरद्वाज
वेद प्रकाश भारद्वाज देश इन दिनों गम्भीर संकट में है। स्वरा भास्कर को आप भले ही न जानते हों पर इससे कोई ख़ास फ़र्क नहीं पड़ता। फ़र्क इस बात से पड़ता है कि उनका अपने बॉयफ्रेंड से ब्रेकअप हो…
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12 Julyएतिहासिक
दास्तान-ए-दंगल सिंह (50)
पवन कुमार सिंह 1983 के सेलेक्शन कमेटी के द्वारा नियुक्ति में झटका खाने के बाद हमें पहली बार यह महसूस होने लगा कि हम बेरोजगार हो गये हैं और अब लम्बा संघर्ष का दौर शुरू हो चुका है।…
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10 Julyएतिहासिक
दास्तान-ए-दंगल सिंह (49)
पवन कुमार सिंह एमए पास करने और रिसर्च के लिए रजिस्ट्रेशन कराने के बाद पुनः पीजी होस्टल के रिसर्च विंग में वापस आने तक वहाँ की प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह लचर-पचर हो गयी थी। होस्टल के कॉमन रूम…
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8 Julyएतिहासिक
दास्तान-ए-दंगल सिंह (48)
पवन कुमार सिंह पीजी कैम्पस की कहानी उन दोनों पात्रों के बिना पूरी नहीं हो सकती, जो थे तो चतुर्थवर्गीय कर्मचारी, किन्तु मेरी नजरों में उनका स्थान बहुत ऊँचा है। एक थे हिंदी विभाग के आदेशपाल स्व0 अमर…
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8 Julyआवरण कथा
किन्नरों के जीवन का सच – सुशील कुमार
सुशील कुमार स्त्री और पुरूष के अतिरिक्त हमारे समाज में एक और लिंग के लोग रहते हैं जिन्हें समाज में छक्का, हिजड़ा, किन्नर, मामू, बायक्का, थर्ड जेंडर, तृतीयलिंगी, उभयलिंगी, आदि के नामों से जाना जाता है। यह तृतीय…
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7 Julyएतिहासिक
पं. चंद्रधर शर्मा ‘गुलेरी’ के जन्मदिवस पर विशेष – पवन कुमार गर्ग
*उसने कहा था* हिंदी की प्रसिद्ध कहानियों में से सर्वाधिक प्रसिद्ध कहानी है उसने कहा था । विशेष रुप से यह कहानी मानवीय संवेदना के एक गहन कोने में ठोह पाती है । लेखक का क्या उद्देश्य क्या रहा,…
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6 Julyव्यंग्य
वित्तमंत्री हमें माफ करें – वेद प्रकाश भारद्वाज
वेद प्रकाश भारद्वाज हे वित्तमंत्री जी, हम भारत देश के करोड़ों लोगों की तरफ से मैं आपसे माफी मांगता हूँ। आप कहेंगी कि किस बात की माफी मांग रहे हैं। आपकी बात का जवाब देने से पहले कुछ…
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5 Julyआन्दोलन परिक्रमा
राजनैतिक मूल्यों की अनुपस्थिति में – मेधा पाटकर
मेधा पाटकर घोषित हुए चुनाव नतीजों से चुनाव पर नजर रखने वाले लोग चकित हैं. जनतन्त्र की यह महत्वपूर्ण प्रक्रिया चुनाव, सत्ता के लिए नहीं, जनता के लिए आजतक जीवित है. इस पर भरोसा रखकर ही जनता आज तक अपने देश के शासन के साथ संसाधन, संपदा, संस्कृति, संरचना और संविधान चुने गए…
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4 Julyआवरण कथा
किन्नर का सामाजिक यथार्थ – लता अग्रवाल
लता अग्रवाल जब परिवार में कोई तृतीयलिंगी बच्चा जन्म लेता है तो उसके होने की खबर गुप्त रखी जाती है, या तो वो जमीन में जिन्दा गाढ़ दिए जाते हैं, कूड़ेदान में फैंक दिए जाते हैं, या फिर…
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3 Julyहरियाणा
…तो देश के कृषि मन्त्री होते
चंडीगढ़ ब्यूरो यदि 2014 के लोकसभा चुनावों में रोहतक की जनता ने ओमप्रकाश धनखड़ का साथ दिया होता तो निश्चित तौर पर धनखड़ देश के कृषि मंत्री होते, क्योंकि जब केंद्र की नरेंद्र मोदी (2014-19) सरकार में कृषि…
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