रक्षा गीता
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Jun- 2022 -24 Juneसिनेमा
मॉडर्न लव: मुंबई में अधुना प्रेम
‘प्यार को रोकना भी नफरत फ़ैलाने जैसा ही है’ ‘प्यार को रोकना भी नफरत फ़ैलाने जैसा ही है’ के मूल सिद्धांत को अपने भीतर समेटे मॉडर्न लव: मुंबई सीरीज़ की सभी छह लघु फ़िल्में आधुनिक युग में प्रेम की…
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8 Juneसामयिक
धागा प्रेम का टूटे जो, गठबन्धन करवाएं! उड़ने को तरसा करे, जो बन्धन में बन्ध जाये!!
समाज में प्रेम-सम्बन्ध टूटा ही करते हैं तब वैवाहिक गठबन्धन और भी लाजिमी हो जाता है चूँकि प्रेमी मन उन्मुक्त आकाश में विचरण करना चाहता है अत: उसे विवाह द्वारा सामाजिक बन्धन में बाँध दिया जाता है स्पष्ट है…
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4 Juneसिनेमा
‘सद्कर्म से संकोच’ एक प्रायश्चित
2 जून 2022 को प्रसारित जिस फिल्म को एक ही दिन 1.9 K लोग देख चुके हों 178 लाइक भी मिले हों, निश्चय ही कुछ ख़ास बात होगी। हम बात कर रहें हैं यूट्यूब की अत्यंत मार्मिक लघु फिल्म…
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May- 2022 -10 Mayसिनेमा
वांटेड बनाना ज़रूरी
अनवांटेड फिल्म भारत के उन नागरिकों को समर्पित है जो ज़िन्दा तो है पर सरकारी दस्तावेजों में जिन्हें मृत घोषित किया जा चुका है और अब वे अपने जीवित होने की पुष्टि का संघर्ष कर रहे हैं। मेरे लिए…
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2 Mayसिनेमा
‘TWO’ Parable Of Two’ सत्यजीत रे
बाँसुरी की जीत ‘यूट्यूब’ की शोर्ट फ़िल्में मुझे हमेशा आकर्षित और प्रभावित करतीं रहीं है और मैं यहाँ बेहतरीन फ़िल्में खोजती रहती हूँ, इसी प्रक्रिया में मुझे सत्यजीत रे की एक शोर्ट फ़िल्म ‘Two’ देखने को मिली। डिस्क्रिपशन…
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Apr- 2022 -15 Aprilसिनेमा
कोबाल्ट ब्लू : प्रेम रंग में डूबी दुखा:त्मक नीलिमा की रचनात्मक कृति
समलैंगिक रिश्तों के प्रति एक स्वस्थ समझ विकसित करने की ईमानदार कोशिश के कारण ‘कोबाल्ट ब्लू’ एक उत्कृष्ट फिल्म कही जा सकती है। कथानक केरल के नैसर्गिक सौन्दर्य की पृष्ठभूमि पर रचा गया है जो आपको अहसास करवाता है…
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4 Aprilसामयिक
मज़ाक समझा है क्या !
हम मजाक को कभी भी गंभीरता से नहीं लेते, जानती हूँ आप कहेंगे कि मज़ाक तो मज़ाक होता है फिर मैं उलटी गंगा बहाने की बात क्यों कर रही हूँ! पर आप ये भी तो मानेंगें न कि मज़ाक-मज़ाक…
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Mar- 2022 -8 Marchसिनेमा
स्त्री अस्मिता का महत्वपूर्ण ‘सिग्नेचर’
26 फरवरी 2022 को यूट्यूब पर एक 23 मिनट की शॉर्ट फिल्म रीलीज़ हुई है ‘सिग्नेचर’, जिसमें स्त्री शिक्षा के महत्व को एक छोटी बच्ची के प्रयासों से बताने का सुंदर चित्रण है, जो अपनी माँ को शिक्षित करने…
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4 Marchसमाज
मैं ‘बसंती हवा’ होना चाहती हूँ
जी हाँ, मैं बसंती हवा बनना चाहती हूँ और इसके लिए मुझे बसंत की दरकार नहीं है, ऋतुओं के राजा बसंत और उसकी बसंती हवा की साहचर्यता सदियों से मानव में उमंग और ऊर्जा का संचार करती आ रही…
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Feb- 2022 -8 Februaryसिनेमा
श्याम सिंह रॉय : ‘स्त्री किसी की दासी नहीं; भगवान की भी नहीं’
तेलगु मूल की फिल्म ‘श्याम सिंह रॉय’ का यह संवाद आपको फ़िल्म देखने के लिए आकर्षित कर सकता है। अंग्रेजी सबटाइटल्स के साथ फिल्म को हिन्दी पट्टी में भी खूब पसन्द किया जा रहा है कारण इसका रहस्य और…
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